आंगनबाड़ी फर्जी भर्ती का मामला मुड़ा दुसरी तरफ….।
एक सप्ताह में जांच करने का आश्वासन लेकिन कैसे ?

दबंग न्यूज लाईव
गुरूवार 17.07.2025
करगीरोड कोटा – कोटा परियोजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती में अनियमितता और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को लेकर पहले भी कई बार बवाल मच चुका है । उच्च स्तर पर शिकायतों के बाद कुछ कार्यवाही हुई कुछ नियुक्ति प्राप्त अभ्यर्थीयों ने या तो इस्तीफा दे दिया या कथित तौर पर उनसे स्तीफा ले लिया गया और मामले को शांत कर दिया गया लेकिन एक बार फिर उस समय कोटा परियोजना के इस मामले ने तुल पकड़ लिया जब कोटा जनपद के नवनियुक्त सदस्यों ने इस मामले को उठाते हुए धरना प्रदर्शन कर दिया ।

इस आंदोलन के बाद फर्जी भर्ती प्रक्रिया का मामला दुसरी तरफ मुड़ते नजर आ रहा है पहले र्फी दस्तावेज जमा करने वाले अभ्यर्थीयों पर ही कार्यवाही हो रही थी लेकिन इस बार जनपद सदस्यों ने उस पूरी चयन समिति को ही घेरे में ले लिया है जिनके द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की भर्ती की गई है ।

जनपद सदस्यों का साफ साफ कहना है कि जब गलत दस्तावेज जमा करने पर अभ्यर्थीयों पर कार्यवाही हो सकती है तो फिर फर्जी दस्तावेज की बिना जांच किए ही उन्हें नियुक्ति देने वाली जांच समिति में शामिल अधिकारियों के खिलाफ क्यो ंकार्यवाही नहीं होनी चहिए ?

वैसे सवाल जायज है क्योंकि नियुक्ति के पहले जांच समिति को बारीकि से दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए जिससे पात्र अभ्यर्थी को ही नियुक्ति मिले और यदि अधिकारी किसी भी कारणवश ऐसे नहीं करते हैं तो फिर उन्हें भी अपने कार्य मंें लापरवाही के लिए दोषी माना जाना चाहिए ।
बहरहाल जनपद सदस्यों के धरना प्रदर्शन पर पहुंच कर नायाब तहसीलदार राकेश ठाकुर ने उनके आवेदन लिया है और कहा है कि सात दिवस के भीतर पूरे मामले की जांच कर दी जाएगी और जो भी दोषी होगा उस पर उचित कार्यवाही की जाएगी ।
देखना होगा जो मामला पिछले साल दो साल से विवादों में है और जिसका कोई ठोस निराकरण नहीं निकला उस पेचिदा मामले में एक सप्ताह में क्या और कैसी जांच होती है और क्या कार्यवाही होती है और सबसे बड़ा सवाल कि जांच करता कौन है क्या कोई जांच समिति भी बनने वाली है ? यदि जांच नियुक्ति समिति की भी होती है तो कोटा के कई ब्लाक स्तर के अधिकारी जिनमें जनपद सीईओ ,बीईओ और बीएमओ भी जांच के घेरे में आएंगे । इसलिए इस पूरे मामले पर नजर रखिए और देखिए कि जांच और जांच के बाद क्या सामने आता है और जनपद सदस्यों का ये धरना प्रदर्शन और शिकयतों का दौर कहां तक चलता है ।





